आओ हँस लें

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Wednesday

चुनावी घोषणा- पत्र


नेताजी चिल्लाए
अबकी न जानवर
न कोई सवारी
और न ही
अंतररास्ट्रीय फूल
अबकी बार
सब कुछ भूल जाओ
बस
तमाचे के साथ आओ
गरीबी हटाओ
बीस सूत्रीय कार्यक्रम
इमरजेंसी
फिर दोहराए जायेंगे
नसबंदी चाहो तो कराना
चाहो तो
विदेश से बच्चे ले आना
हम नहीं रोकेंगे
न हम टोकेंगे
ऍफ़डीआई  जरूर लायेंगे
क्या होता है 
फिर कभी समझायेंगे
माँ कसम लोकपाल लायेंगे
और उन्हें हराएंगे
बस हमें जिताओ
बाकी सब भूल जाओ 
आरक्षण से  कोई   नहीं बचेगा
कुत्ते बिल्लियों को भी 
मुहैया कराएँगे 
आखिर उन्हें भी तो मुख्य धारा में लाना है 
सभी तो आ गए है
ये बेचारे कहाँ जायेंगे 
गन्ना फैक्टर
चीनी मिल जायेगा  और  वही पर
गुड बनाया जायेगा 
काले धन पर 
एशियन पेंट का प्लान है 
जैसा है जहा है 
वही  सफ़ेद किया जायेगा 
आपको भी मौका दिया जायेगा
किसान, मजदूर, गाव वाले
सभी शहर जायेंगे
शहरों में  झोपड़े बनायेंगे
शहर वाले सब गाव   आ जायेंगे
गगनचुम्बी मकान बनायेंगे 
समता मूलक समाज बनायेंगे
गाव और शहर का
फर्क मिटायेंगे.   

 -कुश्वंश

7 comments:

  1. जैसा है जहा है
    वही सफ़ेद किया जायेगा .kala thak gaya ab to.

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  2. बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
    बसंत पचंमी की शुभकामनाएँ।

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  3. बहुत अच्छी व्यंगात्मक प्रस्तुति,सुंदर सटीक रचना के लिए बधाई,.....

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    NEW POST...फुहार...हुस्न की बात...

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  4. काफ़ी तीखा व्यंग्य है।

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