अन्ना तुम कितने सच्चे हो,
भोले हो सचमुच अच्छे हो.
देशप्रेम को हृदय सींचकर,
स्वयं सोच से आँख मीचकर.
अपना धर्म निभाने आये,
सीधी राह बताने आये .
चले एकला निपट अकेले,
मिले राह में सच्चे चेले.
रास्ट्रपिता का धर्म निभाते,
कठिन राह आसान बनाते.
सारा देश तुम्हारे पीछे,
हुंकार भर रहा आँखे मीचे.
एक कदम भी नहीं हटाना,
भ्रस्त तंत्र को सबक सिखाना.
लूटा देश ,बटोरा सोना,
लाचारों का फटा बिछौना.
तुमने दिल में आस जगायी,
धवल रोशनी हमें दिखाई.
कितनी भी हो कठिन लडाई,
चढ़ लेंगे हम कठिन चढ़ाई.
जीत युध अब लेंगे हम,
अन्ना तुम में इतना दम.
बदलेगी जनता की सोच,
बंद नहीं होगी अब "चोंच".
बदलेगी जनता की सोच,
ReplyDeleteबंद नहीं होगी अब "चोंच".
bahut sundar aur bahut sateek