आओ हँस लें

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Saturday

भैष चोर

नेताजी वोट मांगने आये
पिछली बार आये थे तो
हैंगर में टंगी कमीज़ थे
आज सफ़ेद तिरपाल ढके हांथी
एक साल में ही काया बदल गयी
थोडा सा चलते ही हांफ जाते
किसी पुलिस वाले को देखते
और काप जाते
पत्रकार साथ थे
माजरा क्या है
माथे पे आये पसीने का
जान ही नहीं पाए
किसी ने पूंछा
बात क्या है ?
नेता जी क्यों डर रहे हैं
सत्ता में होकर भी इतना डर
समझ से परे है
साथ चल रहे पीये बोले
दरअसल नेताजी का गाँव आने वाला है
और गाँव के मुखिया वही है
जो नेताजी को भैष चोरी में
गाँव बदर किये थे
और जिसकी भैष चुराए थे
उसका बेटा थानें  में दारोगा है
और गाँव का बच्चा बच्चा
भैष चोर को पहचानता है
नेता जी के
बचपन से जवानी तक के
सारे कारनामे जानता है

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