एक देश की अद्भुत रानी
गजब देश की अजब कहानीराजा की बातें अनमोल
बोले शब्द शब्द को तोल
मंत्री,संतरी बागड़ बिल्ला
उनमे था एक बड़ा चबिल्ला
लगाया था स्वांशों पर टैक्स
रानी को कर दिया फैक्स
मंत्री को दरबार बुलाया
कान पकड़ कर छत बैठाया
उसकी जगह दूसरा भेजा
ये कायदे की बात करेगा
वो भी था पहले से मस्त
ताक झांक में रहता व्यस्त
किसके घर में रहता मोर
कौन कौन किस घर में चोर
सारी ताकत उधर लगाई
किसने कितनी किसे पिलाई
रानी की होती थू थू
राजा की बस टिम्बक-टू
जितने मंत्री उतने छोर
ढीली पड़ती जाती डोर
राजा तब सोते से जागा
खजाना जब मंत्री ले भागा
रानी ने संतरी बुलवाए
बागड़ बिल्ले पकड़ मंगाए
राजा बोले फासी दो
सब मिल बोले राजा बदलो
राजा पड गया निपट अकेला
ये कैसा पड़ गया झमेला
इससे तो अच्छा था मौन
अब सहारा ढूँढू कौन
रानी ने रास्ता दिखलाया
कलयुग का संकेत सुझाया
कोने जाकर खड़े रहो
जैसा कहती हूँ करो
फासी-वासी जाओ भूल
जाओ राजनीति स्कूल
बजने लगा बैंड और बाजा
टके सेर भाजी टके सेर खाजा.
मस्त है। कुछ टंकण त्रुटियाँ हैं पढ़कर सुधार लीजिए।
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