आओ हँस लें

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Monday

हिंदी की चिंदी


अंग्रेजी 
महलों में रहती है 
हिंदी 
भरती पानी 
सौतन बन  
आयी  जो  घर में 
बन बैठी वो रानी 
सेवा करने की बेईमानी 
मन में  रखती मेंम 
सरकारी पति को 
बस में कर 
बोली होगा चेंज 
अब तो  होगा चेंज 
चलेगी
अपनी घर में 
हिंदी तू बस 
नौकर बन के
रहना पडी नरक  में
ए , बी , सी ,डी   
वन-टू -थ्री - फोर 
होगा अब स्वीकार
अ ,आ ,इ ,ई
एक दो तीन चार
है सारे  बेकार
लगनी  थी
माँ के  माथे  पर
कुमकुम , बिंदी
उनके बेटे उड़ा रहे
हिंदी की चिंदी।   




4 comments:

  1. जबरदस्त कटाक्ष .बहुत सुन्दर प्रस्तुति .एक एक बात सही कही है आपने.आभार .अरे भई मेरा पीछा छोडो आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते

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  2. बढिया लगी हिंदी की चिंदी

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