आओ हँस लें

आओ हँस लें

Saturday

आओ अब सरकार बनाएं .......




आओ फिर से सपना देखें
सपने में सरकार बनायें
निकली लम्बी जीभ रसीली
सूखे होंठों पे चमकाएं
आओ  अब सरकार बनाएं .......
बहुत हुए सत्ता से दूर
माल मलाई से मजबूर
आओ , फिर जुगाड़ भिडायें
जोड़ तोड़ की जुगत लगाएं
आओ  अब सरकार बनाये ........
जंग लगे औज़ार सम्हालें
मुर्दे  गड़े , सब खोद निकालें
कफ़न खरीदें या कैफीन
पार्टी हो जाए रंगीन
दंगों की बुनियाद बिछायें
आओ अब सरकार बनाएं
उनसे भी कुछ बड़े घोटाले
तैर रहे जेहन में ......साले 
लोकपाल हो ठोंकपाल हो
उनसे ज़रा नहीं घबराएं
आओ अब सरकार बनाएं
एक मोर्चा ,दो मोर्चा , तीन मोर्चा
चार मोर्चा , पांच मोर्चा , सात मोर्चा
मोर्चों का अम्बार लगाये
आओ अब सरकार बनाएं ..
अपनी बस सरकार बनाएं ......




3 comments:

  1. यह हुई न सामयिक रचना ...
    आनंद आया !

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  2. bahut hi badiya.. aaiye sarkar banaye :)
    Nav-Varsh ki shubhkamnayein..
    Please visit my Tech News Time Website, and share your views..Thank you

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