अंग्रेजी
महलों में रहती है
हिंदी
भरती पानी
सौतन बन
आयी जो घर में
बन बैठी वो रानी
सेवा करने की बेईमानी
मन में रखती मेंम
सरकारी पति को
बस में कर
बोली होगा चेंज
अब तो होगा चेंज
चलेगी
अपनी घर में
अपनी घर में
हिंदी तू बस
नौकर बन के
रहना पडी नरक में
रहना पडी नरक में
ए , बी , सी ,डी
वन-टू -थ्री - फोर
होगा अब स्वीकार
अ ,आ ,इ ,ई
एक दो तीन चार
है सारे बेकार
लगनी थी
माँ के माथे पर
कुमकुम , बिंदी
उनके बेटे उड़ा रहे
हिंदी की चिंदी।
अ ,आ ,इ ,ई
एक दो तीन चार
है सारे बेकार
लगनी थी
माँ के माथे पर
कुमकुम , बिंदी
उनके बेटे उड़ा रहे
हिंदी की चिंदी।
जबरदस्त कटाक्ष .बहुत सुन्दर प्रस्तुति .एक एक बात सही कही है आपने.आभार .अरे भई मेरा पीछा छोडो आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते
ReplyDeletevery sad and pathetic state.
ReplyDeleteबढिया लगी हिंदी की चिंदी
ReplyDeleteसच है ..
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