लूट चुके प्रदेश बहुत
अब दिल्ली जाना है
कैसे होते है घोटाले
पता लगाना है
आवंटन पर मुह ताकना
अनुदान की सड़क नापना
सब बिसराना है
लूट चुके प्रदेश बहुत
अब दिल्ली जाना है
खुदी पड़े प्रत्येक सडक
बिजली से जनता रही भड़क
गुंडों को , मुस्टंडों को
दिल्ली पहुचाना है
लूट चुके प्रदेश बहुत
अब दिल्ली जाना है
कार्यक्रम न कोई अपना
बस ऊंची कुर्सी का सपना
राजनीति मे ताऊ बन
परिवार बढ़ाना है
लूट चुके प्रदेश बहुत
अब दिल्ली जाना है
जब होगी ये अपनी दिल्ली
तब अपनी ही होगी बिल्ली
विरोधी चूहों को वापस
बिल मे पहुचाना है
लूट चुके प्रदेश बहुत
अब दिल्ली जाना है
मे हू विस्व क्षितिज का नेता
राजनीति का धुर प्रणेता
दिल्ली से फिर प्लेन पकड़ कर
यूके जाना है
लूट चुके प्रदेश बहुत
अब दिल्ली जाना है
अब दिल्ली की बारी हैं
ReplyDelete..हालातों की सार्थक बानगी ..