तुम नेता हो
भाषणों में
असत्य उगलो
भाषणों में
असत्य उगलो
लफंगई रंगों में दौडाओ
इन्कलाब जिंदाबाद की भीड़ जुटाओ
बड़ी-बड़ी मूंछों वाले
पथरीले चेहरे पालो
अस्मत लूटो
नालों में रक्त बहाओ
गलियों में गस्त और कर्फ्यू लगाओ
बस तुम अपने घडियाली आंसू बहाओ
दौरे से लौटो
बन्दूक से कारतूस के खुक्खल निकालो
कुर्सी पर रहकर
कुर्सी का मूल्य जानों
आपनी आकाओं को पहचानो
ताकि सुरक्षित रहे जीवन
अग्रजीवन हेतु ट्रस्ट बनाओ
सरकारी दया दिखाओ
चन्दा उगाहो
रोज नयी अप्सराओं की गोद में झूलो
अपने ही गाव की
सुगंध भूलो ..
.........
पहले तुम
मेरे मन मंदिर के देवता थे
मेरा ह्रदय बार-बार तुम्हें
नमन करता था
आज देखता हूँ तो
मुह फेरने का मन करता है
कारण तुम स्वयं हो
तुमने ही मेरे जीवन के
कई घरौंदे तोड़े है
और आज भी तोड़ रहे हो .
-कुश्वंश
इन्कलाब जिंदाबाद की भीड़ जुटाओ
बड़ी-बड़ी मूंछों वाले
पथरीले चेहरे पालो
अस्मत लूटो
नालों में रक्त बहाओ
गलियों में गस्त और कर्फ्यू लगाओ
बस तुम अपने घडियाली आंसू बहाओ
दौरे से लौटो
बन्दूक से कारतूस के खुक्खल निकालो
कुर्सी पर रहकर
कुर्सी का मूल्य जानों
आपनी आकाओं को पहचानो
ताकि सुरक्षित रहे जीवन
अग्रजीवन हेतु ट्रस्ट बनाओ
सरकारी दया दिखाओ
चन्दा उगाहो
रोज नयी अप्सराओं की गोद में झूलो
अपने ही गाव की
सुगंध भूलो ..
.........
पहले तुम
मेरे मन मंदिर के देवता थे
मेरा ह्रदय बार-बार तुम्हें
नमन करता था
आज देखता हूँ तो
मुह फेरने का मन करता है
कारण तुम स्वयं हो
तुमने ही मेरे जीवन के
कई घरौंदे तोड़े है
और आज भी तोड़ रहे हो .
-कुश्वंश
satya . कैराना उपयुक्त स्थान :जनपद न्यायाधीश शामली :
ReplyDeletesachchai ko beparda karti ek sashakt rachna k liye badhai ... :)
ReplyDeletesachchai ko beparda karti ek sashakt rachna k liye badhai ... :)
ReplyDeleteआज के नेताओ की पोल खोलती बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति,धन्यबाद।
ReplyDeleteभूली-बिसरी यादें